ऐसे ही गुज़रे थे उस रात की दो पल बस दिल ही दिल में होता था हलचल। ऐसे ही गुज़रे थे उस रात की दो पल बस दिल ही दिल में होता था हलचल।
उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस
वो राज निग़ाहों से बता रखा है। वो राज निग़ाहों से बता रखा है।
कुछ बातें ऐसी रह जाती हैं कुछ बातें ऐसी रह जाती हैं
खुद को महसूस करना चाहता हूँ खुद को महसूस करना चाहता हूँ
अगर तुम इश्क़ करते हो तुम्हें नींदों से रिश्ता तोड़ना होगा बहुत सोते हो न अब रातो में जग अगर तुम इश्क़ करते हो तुम्हें नींदों से रिश्ता तोड़ना होगा बहुत सोते हो न अब रा...